लाखों की नौकरी छोड़ की IAS की तैयारी, 2 बार हुई फेल, फिर भी नहीं मानी हार और बनी UPSC टॉपर!
(Vishakha Yadav Biography in Hindi) प्रत्येक वर्ष लाखों प्रतियोगी यूपीएससी परीक्षा में भाग लेते हैं। सभी विभिन्न क्षेत्रों से आए होते हैं। यहां तक कि इनमें से ज्यादातर प्रतियोगी अपनी अच्छी खासी नौकरी को भी कुछ अलग करने की चाहत में छोड़ कर आते हैं। लेकिन इन्हीं लाखों में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी लगन तथा आत्म विश्वास के कारण मिशाल बन जाते हैं।
आईएएस विशाखा यादव की कहानी भी कुछ ऐसे ही है। दिल्ली में जन्मी विशाखा की प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं से हुई है। (Vishakha Yadav) बचपन से ही एक मेधावी छात्रा थीं, उन्हें अपने हर क्लास में अच्छे अंक आते थे। बारहवीं तक की पढ़ाई करने के बाद विशाखा ने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की तथा इसके बाद वे एक कंपनी में जॉब करने लगीं।
वो अपनी इस नौकरी से संतुष्ट नहीं थीं। इसीलिए विशाखा यादव ने यूपीएससी क्रैक करने की ठानी। ये उनके बचपन का सपना था और उनका परिवार भी चाहता था कि वे सिविल सर्विसेज में आएं लेकिन किन्हीं कारण वश वो ऐसा नहीं कर पाई थीं। पर अब उन्होंने मन बना लिया था, वो अपने इस सपने को साकार करने के लिए परीक्षा की तैयारियों में लग गईं। लेकिन यह सफर उनके लिए आसान नहीं था।
विशखा यादव अपने दो प्रयासों में प्रीलिम्स में ही सफल नहीं हो पाई। अपने पहले प्रयास में वो 3 अंको से जबकि दूसरे प्रयास में मात्र 1.5 अंको से असफल हो गईं। एक साक्षात्कार में (IAS Vishakha Yadav) ने अपनी असफलता की वजह ज्यादा अध्ययन सामग्री को इकट्ठा कर लेना बताया था, जिसके कारण उनका रिवीजन सही से नहीं हो पाया वहीं उन्होंने यह भी बताया था कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट सीरीज न ज्वाइन कर पाना भी उनकी असफलता का मुख्य कारण बना।
(Vishakha Yadav) कहती हैं कि उन्होंने उतने मॉक टेस्ट नहीं ज्वाइन किए जितने उन्हें करने चाहिए थे, जिसके कारण उनका अभ्यास सही ढंग से नहीं हो पाया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी बल्कि अपनी गलतियों से सीख लेकर उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी जिसके फल स्वरूप अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने 6 ठी रैंक हासिल कर टॉप 10 में अपना स्थान बनाया।
एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि प्रतियोगियों को ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देनी चाहिए इससे यह पता चल जाता है कि आपकी तैयारी कैसी हुई है। इसके साथ ही कितने अंक लाने पर आप सफल हो सकते है ये भी पता चलता है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले वे प्रश्न हल करने चाहिए जिनका उत्तर अच्छे से पता हो। इसके बाद वैसे प्रश्न हल करने चाहिए जिसमें ज्यादा सोच समझकर उत्तर लिखना पड़े।
जबकि वैसे प्रश्नों को सबसे अंत में हल करना चाहिए जिसका उत्तर नहीं पता हो क्यूंकि ऐसे प्रश्नों में उलझना समय की बर्बादी है। (IAS Vishakha Yadav) कहती हैं कि यूपीएससी प्रतियोगियों को केवल उतनी ही अध्ययन सामग्री अपने पास रखनी चाहिए जितनी उनके लिए जरूरी हो तथा जितना वे पढ़ पाएं। ज्यादा रिसोर्सेज इकट्ठी करने पर अकसर प्रतिभागी दुविधा में पड़ जाते हैं तथा अपनी तैयारी सही तरीके से नहीं कर पाते।
ऐसा करने पर वे रिवीजन भी अच्छे से नहीं हो पता। उन्होंने प्रतियोगियों को सलाह देते हुए कहा कि यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफल होने के लिए प्रतिदिन कम से कम 6 से 8 घंटे की पढ़ाई बेहद जरूरी है। तैयारी पूरी होने पर रोज प्रश्नों का हल लिखकर करना चाहिए। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देने चाहिए इससे अपनी गलतियां सुधारकर प्रतियोगी परीक्षा में अच्छे परिणाम ला सकते हैं।
विशाखा का कहना है कि यूपीएससी में सफलता हासिल करना एक लंबे यात्रा की तरह होता है। यदि आप पहले प्रयास में सफल नहीं होते तो हार न माने अपनी तैयारी जारी रखे क्युकी आपकी कड़ी मेहनत का फल आपको जरूर मिलेगा। (Vishakha Yadav) की तरह ही यदि सभी प्रतियोगी अच्छी रणनीति के साथ अपनी गलतियों को सुधारकर अपनी मेहनत जारी रखे तो वे जरूर इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
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